Mera pehla pyar in Hindi Love Stories by Rahul Sagar Advocate books and stories PDF | मेरा पहला प्यार..

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मेरा पहला प्यार..

मेरा नाम सागर है और मैं मेरठ का रहने वाला हूं मेरी उम्र करीब जब 18 वर्ष होगी जबकि यह बात है मैंने 12th पास कर लिया था और मैं आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेज जाना शुरू कर दिया था मैं जिस रास्ते से जाता था उसी रास्ते से एक लड़की अपनी छोटी बहन के साथ जाती थी जिसका नाम निधि था वह मुझे हमेशा देख कर मुस्कुराती हुई चली जाया करती थी और मैं उसे चुप देख कर यूं ही निकल जाया करता था कुछ दिन यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा एक दिन मेरे फ्रेंड ने मुझसे बोला की यह लड़की रोज हमें देख कर क्यों मुस्कुराती है तो मैंने भी एक दिन यह देखा और नोट करा कि यह लड़की हमें ही देखकर रोज मुस्कुराती है तो 1 दिन हम दोनों कॉलेज ना जा कर उसका इंतजार करने लगे फिर वह लड़की आई और हम को देखते हुए यूं ही निकल गई तो आज हमने बात करने की सोची की क्या बात है तो हम उसकी छुट्टी का इंतजार करने लगे उसी रास्ते पर और मैंने उसको रोका तो उसने बोला कि मेरे पीछे मेरा बड़ा भाई आ रहा है हम कल को बात करेंगे उस दिन शनिवार था और अगले दिन रविवार तो सोमवार में हमारा जाना नहीं हुआ और हम कॉलेज चले गए यह सिलसिला यूं ही चलता रहा कुछ दिनों बाद फिर दोबारा बात करने की सोची और मेरी स्कूल की 1 दिन छुट्टी करी और उससे मिलने पहुंच गया तो मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने नाम ना बताया और कहने लगी कि क्या करोगी मेरा नाम जानकर इसके बाद कोई बात ना हुई उसके साथ एक उसकी फ्रेंड भी जाने लगी थी हम उन दिनों सुबह के टाइम दौड़ लगाने के लिए जाते थे तो उसकी फ्रेंड हमको वहां पर मिली तो मैंने उसकी फ्रेंड को रोका और कहा कि वह मेरी बात उससे कराएं उसने मना किया उससे मैंने रिक्वेस्ट की तो वह मान गई और वह मेरा नंबर लेकर उसके पास चली गई उसका फोन करीब 11:00 बजे आया और मुझसे कहने लगी कि मेरी फ्रेंड को क्यों परेशान किया तुमने मुझे उसका घर पता चल चुका था और मैं उसके घर के चक्कर लगाने लगा और वह भी मुझे चोरी चोरी से देखा करती थी हम दोनों में यूं ही आगे बातें बढ़ने लगी और हम दोनों की बात हो गई एक दिन वह मुझसे मिलने के लिए सुबह में वहां पार्क में आई और साथ में एक गुलाब का फूल भी लेकर आई और बोली मैं तुमको बहुत चाहती हूं और मैं तुमसे दोस्ती करना चाहती हूं मैंने भी उसको आई लव यू बोल दिया और हमारी रोज मुलाकातें होने लगी मैं उसकी गली से अक्सर जाया करता था तो वह मुझे देख कर बहुत खुश हो जाया करती थी हम लोग बहुत खुश थे आर हम अक्सर सुबह 4:00 बजे या 5:00 बजे ही मिला करते थे अभी हमने एक दूसरे को छुआ भी नहीं था और हम एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे थे आगे की कहानी बाद में तो कमेंट जरूर कीजिएगा धन्यवाद
सागर